सिद्धि माता |
सिद्धि माता मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के बेमेतरा जिला के ग्राम संडी में शिवनाथ नदी के तट किनारे स्थित है, यह मंदिर चारों तरफ से खेतों से घिरा हुआ है, तथा यह मंदिर 1962 से बना हुआ है, और इस मंदिर में प्रतिवर्ष 10721 ज्योति कलश जलते है।
मां सिद्धि निसंतान को संतान प्राप्त कर देते है, इसलिए छत्तीसगढ़ में सिद्धि माता मंदिर 'सुनी गोद को भरने वाली माता' के नाम से भी प्रसिद्ध है,
यहां के लोगों का मानना है, की जो भी इस मंदिर पर आकर सच्चे दिल से मन्नत मांगते हैं, और वह मन्नत पूरा होते है, तो होली के 12वां या 13वां दिन बाद सिद्धि माता मंदिर में हर साल हजारों बकरे का बलि दिया जाता है।
सिद्धि माता मंदिर का बनावट बहुत ही सुंदर है, यह मंदिर चारो तरफ खेतो घिरा हुआ है, मंदिर परिसर के प्रवेशद्वार के फ्रंट पर अनेक देवी देवताओं के मूर्तियां बना हुआ है, परिसर प्रवेशद्वार से सिद्धि माता मंदिर तक जाने के लिए सीधा क़रीब 200 मीटर चलकर अंदर जाना पड़ता है।
मंदिर परिसर के अंदर सिद्धि माता मंदिर के अलावा परिसर में देवी मां दुर्गा के नौ रूपों का मूर्ति छोटे - छोटे मंदिरों में स्थापित है, तथा परिसर अंदर कई प्रकार के देवी देवताओं के छोटे - छोटे मंदिर व मूर्तियां भी स्थापित है, परिसर के दीवार में देवी देवताओं के फोटो लगा हुआ है, और चित्रण किया गया है, सिद्धि माता मंदिर के सामने कुछ मीटर पहले एक शनि देव का भी मंदिर है।
यहां मंदिर परिसर के आस - पास बहुत से दुकानें है, जहां पर मंदिर में माता को चढ़ाने के लिए सामान और खाने पीने का चीजें मिलता है।