Laxman temple, sirpur, Chhattisgarh |
लक्ष्मण मंदिर छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिला के सिरपुर गांव पर स्थित है, यह मंदिर भारत का सबसे पुराना और प्रसिद्ध ईंटों से बना प्राचीन मंदिर है, लक्ष्मण मंदिर 2500 साल से भी पुराना है, जिसे लाल इंटो से बनाया गया है, यह एक प्राचीनतम नगर और छत्तीसगढ़ का राजधानी था, जो छत्तीसगढ़ का जीवनदायिनी महानदी के तट पर स्थित है, यहां पर अति प्राचीन मंदिर व मूर्तियां भी स्थित है, जिसे एक संग्रहालय में सम्भाल कर रखा गया है, मंदिर अपना बनावट और महान शिल्पकारी के लिए प्रसिद्ध है, सिरपुर में लक्ष्मण मंदिर के अलावा बहुत से मंदिर देखने योग्य है, जिसमे प्रमुख गंधेश्वर महादेव मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, चंडी माता मंदिर, आनंद प्रभु कुटीरविहार है।
महाभारत काल में सिरपुर का नाम चिनागढ़पुर था, 6वीं ईसा पूर्व शताब्दी में इसे श्रीपुर कहा जाता था, और 5वीं से 8वीं शताब्दी के मध्य यह दक्षिण कौशल का राजधानी था, 7वीं शताब्दी में चीनी यात्री हेडसम भारत आया था, और उस समय उसने पूरे भारत का यात्रा किया था, तथा घूमते हूवें श्रीपुर आया था, तब उस समय बौद्ध धर्म यहां पर विकसित अवस्था में था, पूर्वकाल समय में पाण्डुवंश का शासन था।
लक्ष्मण मंदिर एक प्राचीन स्मारक ही नही बल्कि पति के गहरे प्यार का अनूठा उदाहरण भी है, लक्ष्मण मंदिर का निर्माण रानी वात्सा ने 735- 740 ईस्वी पहले महाशिवगुप्त बालार्जुन शासन काल में रानी वसाटा ने अपने पति हर्षगुप्त के याद में करवाया था, यह मंदिर लाल इटों से बना होने के कारण पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, यहां पर भारत से ही नही बल्कि देश विदेश और दूर दूर से लक्ष्मण मंदिर को देखने के लिये आते है।
यहां पर पुरातत्व विभाग द्वारा सन् 1977 खुदाई करवाया गया, जिसमे अनेक प्रकार के पुरातात्विक अवशेष मिले है, जैसे ताम्रपत्र, शिलालेख, बौद्ध विहार और अनेक प्रकार के प्राचीन अवशेष प्राप्त हुआ है, और खुदाई में मिले शिलालेखों के अनुसार लक्ष्मण मंदिर ताजमहल से भी पुराना अद्वितीय प्रेम स्मारक है, यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, मंदिर के अंदर पांच फन वाले शेषनाग के रूप में माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित है, इसीलिए इसे लक्ष्मण मंदिर कहा गया है,
यहां पर सिरपुर के सम्मान में शासन के द्वारा महोत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमे रंगारंग धार्मिक का कार्यक्रम होता है और अधिक संख्या में लोग घूमने और देखने आते है।
लाल ईंटों से बना प्राचीन लक्ष्मण मंदिर सिरपुर गांव छत्तीसगढ़ में सदियों से स्थित है, मंदिर जंगलों से घिरा हुआ है, यह मंदिर को बाहर से देखने पर सामान्य हिंदू मंदिर के तरह दिखाई देता है, लेकिन इसका नागरशैली वास्तुकला निर्माण और इस मंदिर के बनने के पीछे कहानी के कारण लक्ष्मण मंदिर को लाल ताज भी कहा जाता है, इस मंदिर पर सुंदर जटिल शिल्पकारी और नक्काशी किया गया है, जो मंदिर को भव्य सुंदर और आकर्षक बनाता है,
लक्ष्मण मंदिर बहुत बड़े चौकोंन मंच पर ईंटों से निर्मित अत्यंत विशाल और भव्य मंदिर है, यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है, मंदिर के प्रवेश द्वार के शीर्ष तक पहुंचने के लिए उत्तर और दक्षिण दिशा से रास्ता है, मंदिर के प्रवेश द्वार में शेष भगवान विष्णु उत्कीर्ण है, जिसमे विष्णु लीला के दृश्य और भगवान विष्णु के मुख्य अवतारों का वर्णन किया गया है, मंदिर में एक मंडप और गर्भगृह भी है,
लक्ष्मण मंदिर छत्तीसगढ़ राज्य के राजधानी रायपुर से 78 किलो मीटर आरंग से 45 किलो मीटर तथा महासमुंद जिला से 69 किलो मीटर दूर स्थित है,
लक्ष्मण मंदिर जाने के लिए जहाज, ट्रेन और बस के माध्यम से पहुंच सकते है।
जहाज से सबसे नजदीक का स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर में है।
ट्रेन से सबसे नजदीक का रेलवे स्टेशन आरंग और महासमुंद में है।