त्रिस्तान डा कुन्हा (आइलैंड) |
जहां पर लोग रहते है यह आइलैंड अफ्रीका से लगभग 2900 किलोमीटर और लियो डी जेनेरियो ( lio di jeneria) से लगभग 3600 किलोमीटर दूर है ऐसा नहीं है की यहां कुछ भी नहीं है प्राकृतिक हरियाली के अलावा इस आइलैंड पर करीब 300 लोग रहते है यह बसे हुए लोग कोई आदिवासी नहीं है,
शहरों की सुख सुविधा को छोड़ बसे हुए लोग है यहां वह सब कुछ है जिसकी जरूरत एक आम जीवन जीने के लिए चाहिए उससे भी अधिक पहले इस आइलैंड पर कोई नही रहता था इसकी खोज सन् 1506 में
ट्रिस्टन डा कुन्हा (tristan da Cunha) ने किया था बाद में इन्ही के नाम पर इस आइलैंड को रखा गया और धीरे धीरे करके यहां लोग बसने लगे इसका छेत्र फल 207 किलोमीटर के दायरे में फैला इस आइलैंड का खुद का अपना ऑफिशियल झंडा भी है और इसका अपना खुद का संविधान भी है,
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि ब्रिटेन से इतनी दूर होने के बाद भी यह आइलैंड ब्रिटिश राज्य छेत्र के अंतर्गत आता है यहां किसी प्रकार की फ्लाइट सर्विस नहीं है यहां केवल शिप में आया जा सकता है।