नाथलदाई मंदिर |
नाथलदाई देवी मंदिर छत्तीसगढ़ के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों में से एक है, जो रायगढ़ जिले के टीमरलगा गांव में स्थित है, यह मंदिर महानदी और मांड नदी के बीच टापूनुमा स्थान पर बना हुआ है, और चारो ओर से जल से घिरा हुआ है, नाथलदई देवी मंदिर माता सरस्वती के नथ से प्रकट होने के कारण नाथलदाई पड़ा, कहा जाता है कि नाथलदाई के दर्शन करने मात्र से मनुष्य के सारे पाप कट जाते है, इस मंदिर परिसर में एक शिव लिंग का मूर्ति भी स्थापित है, यहां नवरात्रि और सावन में मेला लगता है, यहां दूर दूर से श्रद्धालु मेला घूमने एवं दर्शन करने के लिए आते है, नाथलदई देवी मंदिर से 2.1 किलो मीटर का दूरी पर उत्तरपूर्व दिशा में माता चंद्रहासिनी देवी मंदिर स्थित है, जो महानदी के तट किनारे बसा हुआ है।
मान्यता है कि....
जब माता सरस्वती देवी का नाथ नदी में गिरा, तब माता सरस्वती ने इसी जगह मूर्ति धारण कर महानदी के तट पर निवास किया।
जानकर बताते है कि....
नाथलदाई देवी का मंदिर बरसात के दिनों में बाढ़ के पानी से कभी डूबता नही, बाढ़ का पानी कितना भी विकराल और उफान पर क्यू ना हो मंदिर का सीढ़ियों तक पहुंचकर चरण स्पर्श करके जल का लेवल अपने आप कम हो जाता है।
नाथलदाई देवी मंदिर का दूरी
नाथलदाई देवी मंदिर का दूरी रायगढ़ जिले से 30 किलोमीटर है, और सारंगढ़ से 21 किलो मीटर है, तथा यहां बस,ट्रेन और हवाई जहाज के माध्यम से पहुंच सकते है।