भारतीय संस्कृति - Indian culture...

Jayant verma
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Indian culture


अपने भारत के संस्कृति को पहचाने, और ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये, खासकर अपने बच्चो को बताए क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...


दो पक्ष

कृष्ण पक्ष , 

शुक्ल पक्ष ।


तीन ऋण

देव ऋण , 

पितृ ऋण , 

ऋषि ऋण ।


चार युग

सतयुग , 

त्रेतायुग ,

द्वापरयुग , 

कलियुग ।


चार धाम

द्वारिका , 

बद्रीनाथ ,

जगन्नाथ पुरी , 

रामेश्वरम धाम ।


चारपीठ

शारदा पीठ ( द्वारिका )

ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम ) 

गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) , 

शृंगेरीपीठ ।


चार वेद

ऋग्वेद , 

अथर्वेद , 

यजुर्वेद , 

सामवेद ।


चार आश्रम

ब्रह्मचर्य , 

गृहस्थ , 

वानप्रस्थ , 

संन्यास ।


चार अंतःकरण

मन , 

बुद्धि , 

चित्त , 

अहंकार ।


पञ्च गव्य

गाय का घी , 

दूध , 

दही ,

गोमूत्र , 

गोबर ।


पञ्च देव

गणेश , 

विष्णु , 

शिव , 

देवी ,

सूर्य ।


पंच तत्त्व

पृथ्वी ,

जल , 

अग्नि , 

वायु , 

आकाश ।


छह दर्शन

वैशेषिक , 

न्याय , 

सांख्य ,

योग , 

पूर्व मिसांसा , 

दक्षिण मिसांसा ।


सप्त ऋषि

विश्वामित्र ,

जमदाग्नि ,

भरद्वाज , 

गौतम , 

अत्री , 

वशिष्ठ और कश्यप ।


सप्त पुरी

अयोध्या पुरी ,

मथुरा पुरी , 

माया पुरी ( हरिद्वार ) , 

काशी ,

कांची 

( शिन कांची - विष्णु कांची ) , 

अवंतिका और 

द्वारिका पुरी ।


आठ योग

यम , 

नियम , 

आसन ,

प्राणायाम , 

प्रत्याहार , 

धारणा , 

ध्यान एवं 

समािध ।


आठ लक्ष्मी

आग्घ , 

विद्या , 

सौभाग्य ,

अमृत , 

काम , 

सत्य , 

भोग ,एवं 

योग लक्ष्मी ।


नव दुर्गा

शैल पुत्री , 

ब्रह्मचारिणी ,

चंद्रघंटा , 

कुष्मांडा , 

स्कंदमाता , 

कात्यायिनी ,

कालरात्रि , 

महागौरी एवं 

सिद्धिदात्री ।


दस दिशाएं

पूर्व , 

पश्चिम , 

उत्तर , 

दक्षिण ,

ईशान , 

नैऋत्य , 

वायव्य , 

अग्नि 

आकाश एवं 

पाताल ।


मुख्य 11 अवतार

 मत्स्य , 

कच्छप , 

वराह ,

नरसिंह , 

वामन , 

परशुराम ,

श्री राम , 

कृष्ण , 

बलराम , 

बुद्ध , 

एवं कल्कि ।


बारह मास

चैत्र , 

वैशाख , 

ज्येष्ठ ,

अषाढ , 

श्रावण , 

भाद्रपद , 

अश्विन , 

कार्तिक ,

मार्गशीर्ष , 

पौष , 

माघ , 

फागुन ।


बारह राशि

मेष , 

वृषभ , 

मिथुन ,

कर्क , 

सिंह , 

कन्या , 

तुला , 

वृश्चिक , 

धनु , 

मकर , 

कुंभ , 

मीन ।


बारह ज्योतिर्लिंग

सोमनाथ ,

मल्लिकार्जुन ,

महाकाल , 

ओमकारेश्वर , 

बैजनाथ , 

रामेश्वरम ,

विश्वनाथ , 

त्र्यंबकेश्वर , 

केदारनाथ , 

घुष्नेश्वर ,

भीमाशंकर ,

नागेश्वर ।


पंद्रह तिथियां

प्रतिपदा ,

द्वितीय ,

तृतीय ,

चतुर्थी , 

पंचमी , 

षष्ठी , 

सप्तमी , 

अष्टमी , 

नवमी ,

दशमी , 

एकादशी , 

द्वादशी , 

त्रयोदशी , 

चतुर्दशी , 

पूर्णिमा , 

अमावास्या ।


स्मृतियां

मनु , 

विष्णु , 

अत्री , 

हारीत ,

याज्ञवल्क्य ,

उशना , 

अंगीरा , 

यम , 

आपस्तम्ब ,

सर्वत ,

कात्यायन , 

ब्रहस्पति , 

पराशर , 

व्यास ,

शांख्य,

लिखित,

दक्ष,

शातातप 


कृपया इस मेसेज को ध्यान से पढ़ें, पढ़ न सकें तो कोई बात नहीँ लेकिन अधिक से अधिक अध्यापक वर्ग और बच्चों को सेंड करें ।

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