Indian culture |
अपने भारत के संस्कृति को पहचाने, और ज्यादा से ज्यादा लोगो तक पहुचाये, खासकर अपने बच्चो को बताए क्योकि ये बात उन्हें कोई नहीं बताएगा...
दो पक्ष
कृष्ण पक्ष ,
शुक्ल पक्ष ।
तीन ऋण
देव ऋण ,
पितृ ऋण ,
ऋषि ऋण ।
चार युग
सतयुग ,
त्रेतायुग ,
द्वापरयुग ,
कलियुग ।
चार धाम
द्वारिका ,
बद्रीनाथ ,
जगन्नाथ पुरी ,
रामेश्वरम धाम ।
चारपीठ
शारदा पीठ ( द्वारिका )
ज्योतिष पीठ ( जोशीमठ बद्रिधाम )
गोवर्धन पीठ ( जगन्नाथपुरी ) ,
शृंगेरीपीठ ।
चार वेद
ऋग्वेद ,
अथर्वेद ,
यजुर्वेद ,
सामवेद ।
चार आश्रम
ब्रह्मचर्य ,
गृहस्थ ,
वानप्रस्थ ,
संन्यास ।
चार अंतःकरण
मन ,
बुद्धि ,
चित्त ,
अहंकार ।
पञ्च गव्य
गाय का घी ,
दूध ,
दही ,
गोमूत्र ,
गोबर ।
पञ्च देव
गणेश ,
विष्णु ,
शिव ,
देवी ,
सूर्य ।
पंच तत्त्व
पृथ्वी ,
जल ,
अग्नि ,
वायु ,
आकाश ।
छह दर्शन
वैशेषिक ,
न्याय ,
सांख्य ,
योग ,
पूर्व मिसांसा ,
दक्षिण मिसांसा ।
सप्त ऋषि
विश्वामित्र ,
जमदाग्नि ,
भरद्वाज ,
गौतम ,
अत्री ,
वशिष्ठ और कश्यप ।
सप्त पुरी
अयोध्या पुरी ,
मथुरा पुरी ,
माया पुरी ( हरिद्वार ) ,
काशी ,
कांची
( शिन कांची - विष्णु कांची ) ,
अवंतिका और
द्वारिका पुरी ।
आठ योग
यम ,
नियम ,
आसन ,
प्राणायाम ,
प्रत्याहार ,
धारणा ,
ध्यान एवं
समािध ।
आठ लक्ष्मी
आग्घ ,
विद्या ,
सौभाग्य ,
अमृत ,
काम ,
सत्य ,
भोग ,एवं
योग लक्ष्मी ।
नव दुर्गा
शैल पुत्री ,
ब्रह्मचारिणी ,
चंद्रघंटा ,
कुष्मांडा ,
स्कंदमाता ,
कात्यायिनी ,
कालरात्रि ,
महागौरी एवं
सिद्धिदात्री ।
दस दिशाएं
पूर्व ,
पश्चिम ,
उत्तर ,
दक्षिण ,
ईशान ,
नैऋत्य ,
वायव्य ,
अग्नि
आकाश एवं
पाताल ।
मुख्य 11 अवतार
मत्स्य ,
कच्छप ,
वराह ,
नरसिंह ,
वामन ,
परशुराम ,
श्री राम ,
कृष्ण ,
बलराम ,
बुद्ध ,
एवं कल्कि ।
बारह मास
चैत्र ,
वैशाख ,
ज्येष्ठ ,
अषाढ ,
श्रावण ,
भाद्रपद ,
अश्विन ,
कार्तिक ,
मार्गशीर्ष ,
पौष ,
माघ ,
फागुन ।
बारह राशि
मेष ,
वृषभ ,
मिथुन ,
कर्क ,
सिंह ,
कन्या ,
तुला ,
वृश्चिक ,
धनु ,
मकर ,
कुंभ ,
मीन ।
बारह ज्योतिर्लिंग
सोमनाथ ,
मल्लिकार्जुन ,
महाकाल ,
ओमकारेश्वर ,
बैजनाथ ,
रामेश्वरम ,
विश्वनाथ ,
त्र्यंबकेश्वर ,
केदारनाथ ,
घुष्नेश्वर ,
भीमाशंकर ,
नागेश्वर ।
पंद्रह तिथियां
प्रतिपदा ,
द्वितीय ,
तृतीय ,
चतुर्थी ,
पंचमी ,
षष्ठी ,
सप्तमी ,
अष्टमी ,
नवमी ,
दशमी ,
एकादशी ,
द्वादशी ,
त्रयोदशी ,
चतुर्दशी ,
पूर्णिमा ,
अमावास्या ।
स्मृतियां
मनु ,
विष्णु ,
अत्री ,
हारीत ,
याज्ञवल्क्य ,
उशना ,
अंगीरा ,
यम ,
आपस्तम्ब ,
सर्वत ,
कात्यायन ,
ब्रहस्पति ,
पराशर ,
व्यास ,
शांख्य,
लिखित,
दक्ष,
शातातप
कृपया इस मेसेज को ध्यान से पढ़ें, पढ़ न सकें तो कोई बात नहीँ लेकिन अधिक से अधिक अध्यापक वर्ग और बच्चों को सेंड करें ।