चोर गुम्बद नारौल, हरियाणा |
चोर गुम्बद हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के नरौल में है, शहर के उत्तर - पश्चिमी दिशा में ऊंचाई पर बनाया गया ऐतिहासिक इमारत है,
चोर गुम्बद चोरों के छुपने का सीक्रेट जगह थे, यहां पर आकर चोर छुप जाते थे, और यहां पर चोरों को ढूंढना बिलकुल भी संभव नहीं है, इस गुम्बद को चोरों के छुपने के लिए बनवाया गया था।
और इस चोर गुम्बद का निर्माण अफ़गान जमाल खान ने फिरोज तुगलक के शासन काल में लगभग 1358 ईस्वी के बीच में करवाया गया था।
इनके चारों कोणों पर ऐसे ऐसे सीक्रेट जगह बनाया गया है, जहां पर चोर आकर छुप जाते थे, और अधिक घने जंगल व झाड़ियां होने के कारण वहां छुपे चोरों को ढूंढना बिलकुल भी असंभव था, इस लिए गुम्बद का नाम चोर गुम्बद पड़ा।
चोर गुम्बद के चारों कोणों पर चार पिल्लर बना हुआ है, और केंद्र में 100 फीट ऊंचे गुम्बद है, और यह एक बड़ा गोलाकार गुम्बद है, जिसका छत भी गोलाकार है, यह दो मंजिला इमारत है, लेकिन इसके ऊपरी मंजिल केवल बरामदा है, जिसमे 20 दरवाजें है, तथा गुम्बद के अंदर प्रवेश करने के लिए पश्चिमी पक्ष को छोड़कर 3 दरवाजा दिए गए है, इसे कुछ भुलभुलैया के तरह बनाया गया है, जहां पर चोर आकर छुप जाते थे, और उन्हें ढूंढने आने वाले लोग गुम्बद के अंदर रास्ता भटक जाते थे, और चोरों को ढूंढ नही पाते थे।
चोर गुम्बद के चारों तरफ घूमने के लिए प्रवेश द्वार नूमा डिजाइन बनवाया है, तथा अंदर केंद्र में खोखला गुम्बद के नीचे बहुत बड़ा हॉल ( कक्ष ) है, और इसके अंदर आवाज निकालने पर आवाज 10 सेकंड तक बार बार रिपीट सुनाई देता है, गुम्बद 100 फिट ऊपर और अंदर खोखला होने के कारण से अंदर आवाज निकालने पर आवाज सुनाई देता है।
चोर यहीं पर आकर छुप जाते थे, और लोग उन्हें ढूंढ नहीं पाते थे, जिसको देखते हुए सरकार के आदेश द्वारा इस दरवाजे को बंद करवा दिया गया है।