मां कामाख्या देवी मंदिर का गुप्त रहस्य जानकर आपके होश उड़ जाएंगे...

Jayant verma
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मां कामाख्या देवी मंदिर, असम 
 

भारत में ऐसे कई प्राचीन हिंदू मंदिर है जो कई प्रकार के रहस्यों एवं चमत्कारों से भरा पड़ा है, जिनमे से एक है मां कामाख्या देवी मंदिर जो असम में स्थित है, यह मंदिर कई प्राचीन रहस्यों से भरा पड़ा है, जिसके बारे में जानकर आपके होश उड़ जायेंगे....


धर्म पुराणों के अनुसार ऐसा माना जाता है, कि इस शक्तिपीठ का नाम कामाख्या देवी इसलिए पड़ा, क्योंकि इस जगह पर माता सती की योनि गिरा था, जब भगवान शिव मां सती के मृत शरीर को लेकर सती वियोग में दुखी होकर इधर उधर भटक रहे थे।


तभी भगवान विष्णु शिव का सती के प्रति मोह भंग करने के लिए अपने सुदर्शन चक्र से मां सती के 51 भाग किए थे, और जहां पर माता के योनि गिरे वहां पर मां सती का एक शक्तिपीठ स्थापित हो गया, जोकि आज कामाख्या देवी के नाम से पूरे भारत में प्रसिद्ध है, और यह बहुत ही शक्तिशाली शक्तिपीठ है।


हर साल यहां अंबुबाची मेला के उपरांत पास में स्थित ब्रम्हपुत्र का पानी तीन दिनों के लिए लाल हो जाता है, पानी का यह लाल रंग मां कामाख्या देवी के मासिक धर्म के कारण होता है, फिर तीन दिन बाद मंदिर में भक्तो का भीड़ दर्शन के लिए उमड़ पड़ती है।


आपको बता दे कि इस मंदिर में भक्तो को अजीबों गरीब प्रसाद दिया जाता है, दूसरे अन्य शक्तिपीठों के अपेक्षा कामाख्या देवी मंदिर में प्रसाद के रूप में लाल रंग का गिला कपड़ा दिया जाता है।


कहा जाता है कि जब मां को तीन दिन का रजस्वला होता है, तो सफेद रंग का कपड़ा मंदिर के अंदर बिछा दिया जाता है, और तीन दिन बाद जब मंदिर के दरवाजे खोले जाते है, तो वह वस्त्र माता सती के लाल रज से भींगा होता है, तथा इस कपड़े को अंबुबाची वस्त्र कहते है, और इसे ही भक्तों को प्रसाद के रूप मे दिया जाता हैं।

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