सवालों का सीधा - सीधा जवाब | अकबर - बीरबल कहानी...

Jayant verma
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एक दिन बीरबल बाग में टहलते हुए सुबह का शुद्ध एवं ताजा हवा का आनंद ले रहा थे, कि अचानक एक व्यक्ति उसके करीब आकर बोला ‘क्या तुम मुझे बता सकते हो कि बीरबल कहां मिलेगा ?

बीरबल ने बोला - बाग में।

वह व्यक्ति थोड़ा सकपकाया लेकिन फिर उसने संभलकर बोला, वह कहां रहता है ?

बीरबल ने उत्तर दिया - अपने घर में।

वह व्यक्ति हैरान होकर पूछा - तुम मुझे बीरबल का पूरा पता ठिकाना क्यों नहीं बता देते ?

बीरबल ने ऊंचे स्वर में कहा - क्योंकि तुमने मुझसे पूछा ही नहीं।

व्यक्ति ने फिर से सवाल किया - क्या तुम नहीं जानते कि मैं आपसे क्या पूछना चाहता हूं ?

बीरबल का जवाब था - नहीं मै कुछ भी नहीं जानता हूं।

वह व्यक्ति कुछ देर के लिए चुप हो गया, बीरबल का वहां बाग में टहलना जारी था।

उस व्यक्ति ने फिर सोचा कि मुझे इससे यह पूछना चाहिए कि क्या तुम बीरबल को जानते हो या नहीं ? वह फिर बीरबल के पास जा पहुंचा, और बोला मुझे केवल इतना ही बता दो कि क्या तुम बीरबल को जानते हो ?

व्यक्ति को जवाब मिला - हां मैं बीरबल को जानता हूं।

व्यक्ति ने फिर से पूछा - तुम्हारा क्या नाम है ?

बीरबल ने जवाब दिया - मेरा नाम बीरबल है।

यह सुनते ही वह व्यक्ति आश्चर्यचकित हो गया। वह इतना देर से बीरबल से बीरबल का पता पूछ रहा था और वह ही बीरबल था जो कि बताने को बिलकुल तैयार नहीं हुआ कि वह ही बीरबल है, उसके लिए यह बेहद आश्चर्य का बात था।

व्यक्ति ने बीरबल से कहा - तुम भी क्या आदमी हो... यह कहता हुआ वह कुछ नाराज सा लग रहा था, मैं तुमसे तुम्हारे ही बारे में पूछ रहा था और तुम न जाने क्या - क्या उटपटांग बता रहे थे, बताओ तुमने मुझसे ऐसा क्यों किया ?

बीरबल ने कहा - मैंने तुम्हारे सभी सवालों का सीधा-सीधा जवाब दिया था, बस।

अतः वह व्यक्ति भी बीरबल का बुद्धि का तीक्ष्णता देख मुस्कुराएं बिना रह न सकें।

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