हैरानी की बात यह है की इतनी गर्मी होने के बाद भी पिरामिड पहाड़ के अंदर का तापमान हमेशा 20डिग्री सेल्सियस ही रहता है, इस महान पिरामिड को बनाने में लगभग 23 लाख बड़े बड़े पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जिसमे से हर एक पत्थर का वजन 20 से 30 टन है,
लेकिन अभी तक सटीक तरीके से यह नही पता चल पाया है, की आखिर हजारों से पहले इतने भार बड़े बड़े पत्थर को बिना आधुनिक मशीनों के उपयोग से इतना ऊपर कैसे ले जाया गया और एक के ऊपर एक सटीक नमूनों से कैसे रखा गया होगा पत्थरों के ज्वाइंट से एक पतला ब्लेड भी पार कर नही सकता, आखिर इसे कैसे बनाया होगा,
साइंटिस्ट की माने तो पिरामिड को बनाने में 1 लाख मजदूर लगे थे, जिन्होंने लगातार 20 सालों तक काम करके इसे बनाया था, जिसके अंदर हिडेन चैंबर्स भी बनाए थे, और इस चैंबर्स में प्राचीन मिस्र के राजा रानियों की मम्मिस लंबे समय के लिए सुरक्षित रखा जाता था,